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________________ वर्ग ० ७५४ ठ - सौधर्म कल्प में उपपात स्थिति, च्यवन ण - महाविदेह में जन्म और निर्वाण द्वितीय से दसम अध्ययन पर्यन्त १ सब का भूता के समान वर्णन पंचंम वह्नि दशा वर्ग प्रथम निषढ़ अध्ययन ० ५ अ० १ 1 १ क- उत्थानिका - बारह अध्ययनों के नाम ख- प्रथम अध्ययन वर्णन द्वारिका नगरी, रैवतक पर्वत, नंदन वन उद्यान सुरप्रिय यक्ष का यक्षायतन ग- कृष्ण का शासन, द्वारिका वैभव वर्णन घ- बलदेव राजा, रेवती रानी, निषढ कुमार ङ. भ० अरिष्ट नेमिनाथ का समवसरण धर्म देशना च - निषढ का धर्म श्रवण, श्रावक धर्म की स्वीकृति छ- वरदत्त अणगार द्वारा निषद के पूर्वभव की पृच्छा ज - भ० अरिष्ट नेमीनाथ द्वारा पूर्वभव वर्णन - जम्बूद्वीप, भरत, रोहीड़ा नगर, मेघवन उद्यान, मणिदत्त यक्ष का यक्षायतन, महाबल राजा पद्मावती देवी, वीरंगत कुमार 1 ट- सिद्धार्थ आचार्य का आगमन, वीरंगत का धर्म-श्रवण, वैराग्य, निरया० सूची अनगार प्रव्रज्या - संयम साधना ठ - ब्रह्मलोक कल्प के मनोरम विमान में उपपात, स्थिति, देवलोक से च्यवन ड- निषद कुमार रूप में जन्म ढ - निषद का प्रव्रज्या लेने का संकल्प Jain Education International ण - भ० अरिष्ट नेमिनाथ का समवसरण, धर्मदेशना, निषढ की अनगार प्रव्रज्या, संयम साधना, देह त्याग For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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