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प्राभृत १० सूत्र ३४
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सूर्य प्रज्ञप्ति सूची
च - लवण समुद्र के दक्षिण उत्तर में जिस समय दिन है उस समय पूर्व-पश्चिम में रात्रि है
छ- भिन्न भिन्न क्षेत्रों की अपेक्षा उत्सर्पिणी अवसर्पिणी काल का
कथन
ज- धातकी खण्ड में दिन-रात्रि तथा उत्सर्पिणी-अवसर्पिणी
झ - कालोद में लवणोद के समान
ञ - पुष्करार्ध में दिन रात्रि तथा उत्सर्पिणी - अवसर्पिणी
नवम पौरुषी छायाप्रमाण प्राभृत
३० क- पौरुषी छाया का मूल कारण इस विषय में अन्य तीन प्रतिपत्तियाँ
ख- स्वमत का सम्यक् प्रतिपादन
३१ क- सूर्य से पौरुषी छाया के मूल विभाग
इस विषय में अन्य पच्चीस प्रतिपत्तियाँ
३३
३४
ख- स्वमत का सम्यक् निरूपण
ग- दिन के विभागों के अनुसार पौरुषी छाया इस विषय में अन्य छियानवे प्रतिपत्तियाँ
घ- स्वमत का सम्यक् समर्थन
ङ. पच्चीस प्रकार की छाया
दशम प्राभृत
प्रथम प्राभृत-प्राभृत
३२ क- चन्द्र-सूर्य के साथ नक्षत्रों का योग, अन्य पाँच प्रतिपत्तियाँ
ख- स्वमत कथन
द्वितीय प्राभृत-प्राभृत
चंद्र के साथ योग करने वाले नक्षत्रों का मुहूर्त परिमाण सूर्य के साथ योग करने वाले नक्षत्रों का मुहूर्त परिमाण
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