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________________ जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूची ७२५ ज- सूर्य विमान से सर्वोपरि तारे का अन्तर - चन्द्र विमान से सर्वोपरि तारे का अन्तर १६५ क- मण्डल में गति करनेवाले नक्षत्र ख- मण्डल से बाहर गति करने वाले नक्षत्र ग- मण्डल से नीचे नक्षत्र घ- मण्डल से ऊपर नक्षत्र ङ - चन्द्र विमान का आयाम - विष्कम्भ च - सूर्य विमान का छ- ग्रह विमान का ज - नक्षत्र विमान का भ- तारा विमान का 33 "3 Jain Education International 17 "" 11 17 १६६ क- पूर्व दक्षिण पश्चिम और उत्तर दिशा में चन्द्र विमान का वहन करने वाले देव ख- सूर्य विमान का वहन करनेवाले देव ग- ग्रह विमान का वहन करनेवाले देव घ- नक्षत्र विमान का वहन करनेवाले देव ङ - तारा विमान का वहन करनेवाले देव वक्ष० ७ सूत्र १७० १६७ ज्योतिषी देवों की शीघ्र गति १६८ ज्योतिषी देवों में अल्प ऋद्धि वाले और महान् ऋद्धि वाले १६६ जम्बूद्वीप में एक तारे से दूसरे तार का जघन्य - उत्कृष्ट अन्तर १७० क- चन्द्र की चार अग्र महीषियाँ ख- प्रत्येक अग्र महीषी का परिवार ग- प्रत्येक अग्रमहोषी की वैक्रिय शक्ति घ- चन्द्र का चन्द्र विमान में मैथुन सेवन न करने का कारण ङ- प्रत्येक ग्रह की चार-चार अग्रमहीषियां च - प्रत्येक अग्रमहिषी का परिवार For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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