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________________ जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति-सूची ७२६ वक्ष० ७ सूत्र १७४ छ- चन्द्र विमान में देवों की स्थिति ज- " देवियों की " झ- सूर्य विमान में देवों की स्थिति अ- " देवियों की " ट- ग्रह विमानों में देवों की स्थिति ठ- " देवियों की स्थिति ड- नक्षत्र विमान में देवों की स्थिति ढ- " देवियों की स्थिति ण- तारा विमान में देवों की स्थिति त- " देवियों की स्थिति १७१ नक्षत्र-स्वामियों के नाम ज्योतिषी देवों का अल्प-बहुत्व क- जम्बूद्वीप में जघन्य उत्कृष्ट तीर्थंक र चक्रवर्ती बलदेव वासुदेव जघन्य-द्वीप में जघन्य-उत्कृष्ट निधि निधियों का परिभोग पंचेन्द्रिय रत्न पंचेद्रिय रत्न का परिभोग जम्बूद्वीप में जघन्य उत्कृष्ट एकेन्द्रिय रत्न " एकेन्द्रिय रत्नों का परिभोग जम्बूद्वीप का आयाम-विष्कम्भ " की परिधि ग- " का उद्वेध " की ऊँचाई " का पूर्ण परिमाण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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