SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 752
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति-सूची ७२४ वक्ष० ७ सूत्र १६४ च- हेमन्त ऋतु का द्वितीय मास पूर्ण करने वाले चार नक्षत्र प्रत्येक नक्षत्र के दिन तथा पौरुषी प्रमाण छ- हेमन्त ऋतु का तृतीय मास पूर्ण करनेवाले तीन नक्षत्र-प्रत्येक नक्षत्र के दिन तथा पौरुषी प्रमाण । ज- हेमन्त ऋतु का चतुर्थ मास पूर्ण करने वाले तीन नक्षत्र-प्रत्येक नक्षत्र के दिन तथा पौरुषी प्रमाण झ- ग्रीष्म ऋतु का प्रथम मास पूर्ण करने वाले तीन नक्षत्र-प्रत्येक नक्षत्र के दिन तथा पौरुषी प्रमाण अ- ग्रीष्म ऋतु का द्वितीय मास पूर्ण करने वाले तीन नक्षत्र-प्रत्येक नक्षत्र के दिन तथा पौरुषी प्रमाण ट- ग्रीष्म ऋतु का तृतीय मास पूर्ण करने वाले चार नक्षत्र-प्रत्येक नक्षत्र के दिन तथा पौरुषी प्रमाण ठ- ग्रीष्म ऋतु का चतुर्थमास पूर्ण करने वाले तीन नक्षत्र-प्रत्येक नक्षत्र के दिन तथा पौरुषी प्रमाण सोलह अधिकार ड. चन्द्र-सूर्य के नीचे तारागण ढ- " सम " ण- " ऊपर " त- नीचे, सम और ऊपर होने का कारण १६३ एक चन्द्र का परिवार १६४ क- मेरु पर्वत से ज्योतिषचक्र का अन्तर ख- लोकान्तसे ज्योतिषचक्र का अन्तर ग- धरणीतल से ताराओं का अन्तर घ- धरणीतल से सूर्य का अन्तर ङ- " चन्द्र का " च- " सर्वोपरि तारेका " छ- सूर्य विमान से चन्द्र विमान का अन्तर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy