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________________ वक्ष० ७ सूत्र १४६ १४२ क- सर्व चन्द्रमण्डल चन्द्र वर्णन सप्त अधिकार घ ङ - ख - जम्बूद्वीप में चन्द्रमण्डल ग- लवण समुद्र में चन्द्रमण्डल प्रथम चन्द्रमण्डल से अन्तिम चन्द्र मण्डल का अन्तर प्रत्येक चन्द्रमण्डल का अन्तर चन्द्रमण्डल का आयाम - विष्कम्भ और परिधि १४३ १४४ १४५ १४६ क- मेरु से प्रथम चन्द्र मण्डल का अन्तर ख द्वितीय ग तृतीय अन्तिम अन्तिम से द्वितीय मण्डल का अन्तर अन्तिम से तृतीय " 17 17 33 13 ७१६ 11 "" जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूची 17 Jain Education International च छ- प्रत्येक चन्द्रमण्डल का अन्तर - १४७ क- प्रथम चन्द्र मण्डल का आयाम विष्कम्भ और परिधि ख- द्वितीय चन्द्रमण्डल का आयाम विष्कम्भ और परिधि ग- तृतीय चन्द्रमण्डल का आयाम - विष्कम्भ और परिधि घ- अन्तिम चन्द्रमण्डल का आयाम - विष्कम्भ और परिधि ङ - अन्तिम से द्वितीय चन्द्रमण्डल का आयाम - विष्कम्भ और परिधि च - अन्तिम से तृतीय चन्द्रमण्डल का आयाम - विष्कम्भ और परिधि छ - इस प्रकार प्रत्येक चन्द्रमण्डल का आयाम - विष्कम्भ और परिधि १४८ क- प्रथम चन्द्रमण्डल में एक मुहूर्त में चन्द्र की गति ख- द्वितीय चन्द्रमण्डल में एक मुहूर्त में चन्द्रगति ग- तृतीय चन्द्रमण्डल में एक मूहूर्त में चन्द्र की गति वृद्धि ङ - अन्तिम चन्द्रमण्डल में एक मुहूर्त में चन्द्र की गति च - अन्तिम से द्वितीय चन्द्रमण्डल में एक मुहूर्त में चन्द्र की गति छ- अन्तिम से तृतीय से चन्द्रमण्डल में एक मुहूर्त में चन्द्र की गति For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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