________________
जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूची
११२
११३
७१३
ट- हैरण्य वर्ष नाम होने का हेतु हैरण्यवत देव और उसकी स्थिति ठ- शिखरी वर्षधर पर्वत का स्थान ड- पुण्डरीक ग्रह और सुवर्णकुला नदी द- शिखरी वर्षधर पर्वत के ग्यारह कूट
ण - शिखरी देव और उसकी स्थिति त- शेष चुल्लीहमवन्त पर्वत के समान वर्णन थ - एरावत वर्ष का स्थान
एरावत में चक्रवर्ती. एरावती देव, भरत के समान वर्णन पंचम जिन जन्माभिषेक वक्षस्कार
जिन्म जन्माभिषेक के समय अधोलोक वासी आठ दिक्कुमारियों
का आगमन
जिन जन्माभिषेक के समय उर्ध्वलोक वासी आठ दिक्कुमारियों
वक्ष० ५ सूत्र ११७
का आगमन
११४ क- पूर्व, दक्षिण, पश्चिम और उत्तर के रुचक पर्वतों पर रहने वाली आठ आठ दिवकुमारियों का आगमन
ख- चार विदिशाओं के रुचक पर्वतों पर रहनेवाली चार दिक्कुमारियों का आगमन
ग- मध्य रुचक पर्वत पर रहने वाली चार दिक्कुमारियों का
आगमन
दिशा कुमारियों के कर्त्तव्य
घ- नाल कर्तन, तेलमर्दन, सुगंधित उबटन
ङ - गंधोदक, पुष्पोदक और शुद्धोदक से स्नान
च- अग्निहोम, रक्षापोटली, पाषाण गोलकों का ताड़न और आशी वचन, गीत गायन
११५ - ११० क- जिन भगवान के जन्म समय में शक्रेन्द्र का आगमन
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org