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________________ जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूची ११६ १२० १२१ १२२ ख- यान विमान का वर्णन ग- तीर्थंकर की माता को अवस्वापिनी निद्रा देना घ- पांच शकेन्द्र रूपों का विकुर्वण ङ - पंडक वन में अभिषेक शिलापर अभिषेक करना ११८ क ईशानेन्द्र आदि सभी इन्द्रों का मेरु पर्वत पर आगमन ख- यान विमान बनाने वाले दस देव ग- सुघोषा घण्टा, महाघोषा घण्टा, चमरेन्द्रों और ज्योतिष्केन्द्रों का मेरु पर्वत पर आगमन तीर्थोदक आदि से अभिषेक वाद्य, गीत, नृत्य आदि करके जन्मोत्सव मनाना अष्टमंगल, भगवद् वंदना, इन्द्र परिवार द्वारा अभिषेक, चार वृषभों की विकुर्वणा, वृषभ श्रृंगों से जलधारा का पातन और कुण्डल युगल का तीर्थंकर माता के समीप रखना तीर्थंकरों मेरु से जन्म भवन में लाना, कुण्डल युगल का तीर्थंकर माता के समीप रखना ख- तीर्थंकर के भवन में हिरण्य, सुवर्ण कोटी से भण्डार भरने के लिये शक्रेन्द्र का वैश्रमण को आदेश १२३ क - अभिषेक के पश्चात् क्षोम युगल और ७१४ वक्ष० ६ सूत्र १२५ ग- तीर्थंकर और तीर्थंकर माता का अनिष्ट न करने के लिये घोषणा, देवों द्वारा अष्टाह्नि का महोत्सव Jain Education International षष्ठ जम्बूद्वीपगत पदार्थ संग्रह वर्णन वक्षस्कार १२४ क - जम्बूद्वीप के प्रदेशों का लवण समुद्र से स्पर्श ख- लवण समुद्र के प्रदेशों से जम्बूद्वीप का स्पर्श ग- जम्बूद्वीप के जीवों का लवण समुद्र में जन्म घ- लवण समुद्र के जीवों का जम्बूद्वीप में जन्म १२५ क- जम्बूद्वीप मध्यवर्ती दस पदार्थ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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