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________________ जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूची ६८६ वक्ष० ३ सूत्र ४५ ४३ क- आयुधशाला में चक्ररत्न की उत्पत्ति ख- आयुधशाला के अध्यक्ष द्वारा चक्ररत्न को वंदना ग- , ,, का भरत से निवेदन घ. भरत का चक्ररत्न को वंदन ङ.- आयुध शालाके अध्यक्ष को प्रीतिदान च- विनीता नगरी को सजाने का आदेश छ- भरत चक्रवर्ती का स्नान, शृंगार ज- भरत का चक्ररत्न के समीप जाना झ- भरत के साथ राजा महाराजा आदि का तथा पीछे पूजा सामग्री लेकर दासियों का जाना अ- भरत द्वारा चक्ररत्न की पूजा ट- अष्ट मांगलिक की रचना ठ- अठारह श्रेणी प्रश्रेणियों को करमुक्ति आदि का आदेश ४४ क- चक्ररत्न का मागधतीर्थ की ओर प्रयाण ख- अभिषेक हस्ति और सेना को सन्नद्ध होने का आदेश ग- भरत का मागधतीर्थ के समीप पहुँचना । घ- बढई-रत्न-श्रेष्ठ को स्कंधावार-(छावनी) निर्माण का आदेश ङ- भरत का पौषध शाला में अष्टम भक्त तप च- चौथे दिन प्रात: भरत का अश्व रथ पर आरूढ होकर आगे बढना ४५ क- लवण समुद्र के किनारे से मागध तीर्थाधिपति देव के भवन में बाण का प्रक्षेपण ख- मागध तीर्थाधिपति देव द्वारा भरत का सत्कार, बहुमूल्य वस्त्रा भरण और मागध तीर्थोदक का समर्पण ग- भरत द्वारा मागध तीर्थाधिपति देव का सत्कार घ- भरत का स्कन्धावार में लौट कर आना ङ- अष्टम भक्त तप का पारणा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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