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________________ प्रज्ञापना- सूची ६६६ पद २८ सूत्र १४ चौबीस दण्डक में आहार में गृहित पुद्गलों का आस्वादन और परिणमन क- चौबीस दण्डक में एकेन्द्रिय शरीरों का यावत्-पंचेन्द्रिय शरीरों का आहार ख- चौबीस दण्डक में रोम आहार और प्रक्षेप आहार चौवीस दण्डक में ओज आहार और मन के अनुकूल आहार द्वितीय उद्देशक तेरह अधिकारों के नाम १० क- चौबीस दण्डक में आहारक- -अनाहारक ख- सिद्ध आनाहरक क- चौवीस दण्डक में भवसिद्धिक ख - अभवसिद्धिक 13 ग नोभवसिद्धिक नो अभवसिद्धिक 11 क- चौबीस दण्डक में संज्ञी जीव [ एक जीव या अनेक जीव ] ३-७ ८ १२ > १४ " आहारक-अनाहारक आहारक या अनाहारक ख- चौबीस दण्डको असंज्ञी जीव ग- नो संज्ञी नो असंज्ञी जीव आहारक-अनाहारक Jain Education International घ- सिद्ध अनाहारक ११ क- चौबीस दण्डक में सलेश्य यावत् अलेश्य जीव आहारक-अनाहारक ख- सिद्ध अनाहारक चौबीस दण्डक में सम्यग् दृष्टि, मिथ्या दृष्टि और मिश्र दृष्टि 33 आहारक-अनाहारक १३ क - चौबीस दण्डक में संयत, असंयत, संयतासंयत जीव आहारक ख- सिद्ध अनाहारक चौबीस दण्डक में सकषायी यावत्-अकषायी जीव आहारक अनाहारक " For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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