________________
पद १८ सूत्र २
६५७
प्रज्ञापना-सूची ख- ६ लेश्याओं के रुप, वर्ण, गंध, रस, स्पर्श का एक दूसरों में
परिणमन ३४.४० ६ लेश्याओं के वर्ण ४१-४६ ६ लेश्याओं का आस्वाद ४७ क- , के गंध
ख. शेष ६ अधिकारों का कथन ६ लेश्याओं के परिणाम
,, के प्रदेश
, के स्थान ५१-५३ द्रव्य और प्रदेशों की अपेक्षा से ६ लेश्या स्थानों का अल्प
बहुत्व
५४
५६
पंचम उद्देशक क- ६ लेश्याओं के नाम ख- ६ लेश्याओं के रुप, वर्ण, गंध, रस और स्पर्श का परिणमन
दृष्टान्त ६ लेश्याओं के परिणमन के हेतु
षष्ठ उद्देशक क- ६ लेश्याओं के नाम, अढाई द्वीप के [कर्मभूमि, अकर्म भूमि
और अन्तर्वीपों के] मनुष्यों में ६ लेश्या ६ लेश्या की अपेक्षा से अढाई द्वीप के मनुष्यों में गर्भ स्थिति के भांगे अष्टादसम कायस्थिति पद बावीस अधिकारों के नाम
जीव की जीव रूप में संस्थिति क- नै रयिक की नैरयिक रूप में संस्थिति
तिर्यंच की तिर्यंच रूप में
५७
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org