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________________ प्रज्ञापना- सूची ६४८ सप्तम श्वासोच्छ्वास पद चौवीस दण्डक के जीवों काजघन्य - उत्कृष्ट श्वासोच्छ्वास काल अष्टम संज्ञा पद १ दस संज्ञाओं के नाम २ चौवीस दण्डक के जीवों में दस संज्ञायें ३ - ६ क - चौवीस दण्डकों में बाह्य आभ्यन्तर कारणों की अपेक्षा चार संज्ञायें ख- चार संज्ञाओं वाले चौवीस दण्डक के जीवों का अल्प- बहुत्व १-८ १ २ ७ ८ नवम योनी पद तीन प्रकार की योनियां चौवीस दण्डक के जीवों की योनियां 11 तीन प्रकार की योनियाँ चौवीस दण्डक के जीवों की योनियां " तीन प्रकार की योनियां की योनियों का अल्प- बहुत्व चौवीस दण्डक के जीवों की योनियां " Jain Education International पद ७-१० सूत्र २ की योनियों का अल्प - बहुत्व की योनियों का अल्प - बहुत्व १० क- तीन प्रकार की योनियां ख- तीन प्रकार की योनियों से उत्पन्न होने वाले पुरुष दसम चरमाचरम पद आठ पृथ्वीयों के नाम रत्नप्रभादि सात पृथ्वियाँ, सोधर्म- यावत् - अनुत्तर विमान, ईषत्प्राग्भारा, लोक और अलोक के संबंध में चरमादि ६ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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