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सूत्र २०४-२१०
२०४ क - सूर्य की अग्रमहीषियां
२०५
२०६
ख- अग्रमहीषियों की विकुर्वणा शक्ति
ग. जिन अस्थियों का सन्मान
२१०
घ ग्रहों की अग्र महीषियाँ, अग्रमहीषियों की विकुर्वणा, जिन
-
२०७
२०८ क शक्रेन्द्र की तीन परिषद
अस्थियों का सम्मान
ङ. नक्षत्रों और ताराओं का ग्रहों के समान वर्णन
-
चन्द्रविमान में देवों की स्थिति यावत्-ताराविमानों में के देवों की स्थिति
चन्द्रादि की अल्प - बहुत्व
प्रथम वैमानिक देव उद्देशक वैमानिक देवों का वर्णन
परिषदों के देवों की संख्या
स्थिति
६१३
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ख- यावत्-अच्युतेन्द्र की तीन परिषद तीन परिषद के देवों की संख्या
स्थिति
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ग- अहमेन्द्र ग्रैवेयक देवों का वर्णन
घ
अनुत्तर
द्वितीय वैमानिक देव उद्देशक
२०६ क - सौधर्म - ईशानकल्प के विमानों का आधार
ख- सनत्कुमार- माहेन्द ब्रह्मलोककल्प के " ग- लांतक-यावत्-सहस्रारकल्प के
""
घ- आनत यावत्-अच्युतकल्प के
ङ
ग्रैवेयक-यावत्-अनुत्तरकल्प के
सौधर्म- यावत्-अनुत्तर विमान पृथ्वी का भिन्न भिन्न बाहल्य
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जीवाभिगम सूची
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