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________________ सूची ५३-५८ ५७७ जीवाभिगम-सूची ग- मनुष्य योनिक पुरुष घ- देव पुरुष चार प्रकार के ५३ क- पुरुष की जघन्योत्कृष्ट स्थिति ख- तिर्यंचयोनिक पुरुष की जघन्योत्कृष्ट स्थिति ग- मनुष्य , घ- रे , ५४ क- पुरुष का जघन्योत्कृष्ट स्थितिकाल ख- तिर्यंच योनिक पुरुषों का , , ग- मनुष्य " " घ. देव , " . " ५५ क- पुरुष पर्याय से पुन: पुरुष पर्याय के प्राप्त होने का जघन्योत्कृष्ट अन्तर काल ख- तिर्यंच योनिक पुरुष पर्याय से पुन: मनुष्य योनिक पुरुष पर्याय प्राप्त होने का जघन्योत्कृष्ट काल ग- मनुष्य योनिक पुरुष पर्याय से पुन: मनुष्य योनिक पुरुष पर्याय प्राप्त होने का जघन्योत्कृष्ट अन्तरकाल घ- देव योनिक पुरुष पर्याय से पुनः देव योनिक पुरुष पर्याय प्राप्त होने का जघन्योत्कृष्ट अन्तरकाल ५६ क- देव पुरुषों का अल्प-बहुत्व ख- तिर्यंच योनिक मनुष्य योनिक ओर देव योनिक पुरुषों का पर स्पर अल्प-बहुत्व क- पुरुष बेदनीय कर्म की जघन्योत्कृष्ट बंध स्थिति ख- , का अबाधा काल ग- , का स्वभाव नपुंसक ५८ क- नपुसक तीन प्रकार के ___ ख- नै रयिक नपुंसक सात प्रकार के Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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