SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 602
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जीवाभिगम-सूची ५७४ सूत्र ४४-४६ द्वितीया त्रिविध जीव प्रतिपत्ति ४४ संसार स्थित जीव तीन प्रकार के हैं स्त्रियां ४५ क- स्त्रियां तीन प्रकार की ख- तिर्यंच स्त्रियां ग- जलचर स्त्रियां पांच प्रकार की घ- स्थलचर स्त्रियां दो प्रकार की ङ- चतुष्पद स्त्रियां चार प्रकार की च- परिसर्प स्त्रियां चार प्रकार की छ- उरग परिसर्प स्त्रियां तीन प्रकार की ज- भुज परिसर्प स्त्रियां अनेक प्रकार की झ- खेचर स्त्रियां चार प्रकार की अ- मानव स्त्रियां तीन प्रकार की ट- अन्त:पवासिनी स्त्रियां अट्ठावीस प्रकार की ठ- अकर्मभूमिवासिनी स्त्रियां तीस प्रकार की ङ- कर्मभूमिवासिनी स्त्रियां पन्द्रह प्रकार की ढ- देवियां चार प्रकार की ण- भवनवासिनी देवियां दस प्रकार की त- व्यन्तर देवियां आठ प्रकार की। थ- ज्योतिष्क देवियां पांच प्रकार की द- विमानवासिनी देवियाँ दो प्रकार की ४६ क- तिर्यंच जाति स्त्री पर्याय की संस्थिति का जघन्य उत्कृष्ट काल ख- मानव जाति स्त्री पर्याय की संस्थिति का " गदेव जाति स्त्री पर्याय की संस्थिति का V Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy