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________________ सूत्र २४ झ ५५१ राज प्र० सूची सूर्याभ का वाम भूजा प्रसारण. नृत्य के लिये सश्रृंगार १०८ देव कन्याओं का प्रकट होना. ञ - देव कुमार और देव कुमारियों की भगवद् वन्दना गौतमादि के सम्मुख नृत्य प्रदर्श के लिये उपस्थित होना ट- सत्तावन प्रकार के वाद्य और उनके वादकों का एक सो आठ आठ की संख्या में उपस्थित होना. ठ- अष्ट मांगलिक नृत्य ड- भित्तिचित्र नृत्य ढ - चक्रवाल नृत्य ण - चन्द्रावली - यावत् - रत्नावली नृत्य त- सूर्योदय नृत्य थ - चन्द्रसूर्यागमन नृत्य द- चन्द्रसूर्यावरण नृत्य ध- चन्द्रसूर्यास्त नृत्य न - चन्द्रसूर्य मण्डलादि नृत्य प- ऋषभ ललित यावत्- द्रुत विलम्बित नृत्य फ- सागर विभक्ति - यावत्-नन्दा चम्पा विभक्ति नृत्य ब- मत्स्यण्डादि नृत्य भ- पञ्चाक्षर वर्ग नृत्य म- अशोक पल्लवादि नृत्य य- पद्मलतादि नृत्य र- द्रुतादि गति नृत्य ल- अंगचेष्टा नृत्य व- भ० महावीर के पूर्वभवों का नृत्य द्वारा प्रदर्शन श- भ० महावीर के कल्याणकों का नृत्य स- चार प्रकार के वाद्यों का वादन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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