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________________ विपाक-सूची श्रु०१ व०२ ख- भ० महावीर का समवसरण. प्रवचन ग. गौतम गणधर का भिक्षाचर्या के लिये जाना, राजमार्ग में उज्झितक के वध का दृश्य देखना १० क- भ० महावीर से उज्झितक के वध का वृत्तान्त कहना ख- पूर्व भव जिज्ञासा. जंबूद्वीप. भरत. हस्तिनापुर. सुनंद राजा. नगर में एक गौशाला ग- भीम कूटग्राह-गुप्तचर. उत्पला भार्या का गौमांस भक्षण का दोहद. भीम द्वारा दोहद की पूर्ति ११ क- पुत्र जन्म. शिशु रोदन से गोवर्ग का त्रसित होना. गोत्रास नाम देना ख- भीम की मृत्यु.सुनंद राजा द्वारा भीम के स्थान पर गोत्रास की नियुक्ति ग- गोत्रास का जीवन पर्यन्त गोमांस भक्षण. मृत्यु. नरक गमन १२ क- मृतवत्सा सुभद्रा के कुक्षि में गोत्रास की उत्पत्ति. जन्म. उकरड़ी पर डालना. पुनः ग्रहण करना. उरिझतक नाम देना. कतिपय संस्कारों के नाम, पांच धायों से पालन ख- विजय मित्र सार्थवाह की व्यापार के निमित्त लवण समुद्र की यात्रा [चार प्रकाग के विक्रय योग्य पदार्थ] पोत भंग. विजय मित्र सार्थवाह की मृत्यु. सुभद्रा सार्थवाही का विलाप. सुभद्रा की मृत्यु १३ क- उज्झितक का सर्वस्वहरण. गृह से निष्कासन ख- सप्त व्यसन सेवन, कामध्वजा से काम क्रीड़ा ग- श्रीदेवी के योनिसूल की वेदना. राजा द्वारा काम ध्वजा की उपपत्नि के रूप में नियुक्ति घ- कामध्वजा के घर में उज्झितक का गुप्तरूप से प्रवेश ङ- उज्झितक को कामध्वजा के साथ देखकर राजा द्वारा मृत्यु दण्ड का आदेश Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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