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अन्तकृद्दशा - सूची
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द्वितीय किकिम अध्ययन तृतीय मोग्गर पाणी अध्ययन
१३ क - उत्थानिका - राजगृह, गुणशील चैत्य, श्रेणिक राजा, चेलना देवी ख- अर्जुन माली, बंधूमती भार्या, पुष्पाराम, मोग्गरवाणि यक्ष का
यक्षायतन. सहस्र पल का मुद्गर
ग- ललिता गोष्ठी
वर्ग६ अ०३
घ- अर्जुन का बंधुमती के साथ पुष्पचयन के लिये जाना
ङ - ललिता गोष्ठी का अशुभ संकल्प
च - बंधुमति भार्या सहित अर्जुनमाली द्वारा यक्ष पूजा छ - ललिता गोष्ठी का अर्जुन और बंधुमती के साथ दुर्व्यवहार ज- यक्ष से अर्जुन की प्रार्थना, बन्धन से मुक्ति
- क्षाविष्ट अर्जुन द्वारा ललिता गोष्ठी और बंधुमती के प्राणों का संहार
ञ - अर्जुन के उपसर्ग से बचने के लिये राजगृह की सुरक्षा व्यवस्था ट- अर्जुन द्वारा ६ मास पर्यंत ६ पुरुषों और एक स्त्री का प्रतिदिन संहार
ठ- भ० महावीर का समवसरण
ड- भगवान् की वंदना के लिये श्रमणोपासक सुदर्शन के जाने का दृढ संकल्प
- मार्ग में अर्जुन का उपसर्ग, उपसर्ग निवृति पर्यन्त सुदर्शन का कायोत्सर्ग, उपसर्ग निवृत्ति
ण- सुदर्शन और अर्जुन का साथ साथ भगवद् वंदना के लिये जाना धर्मश्रवण
त- अर्जुन का वैराग्य, प्रव्रज्याग्रहण, यावज्जीवन छुट्ट छुट्ट करने का अभिग्रह
थ - अर्जुन मुनि की भिक्षाचर्या, आक्रोश परीषह, राजगृह से भ० महावीर का विहार
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