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________________ अन्तकृद्दशा - सूची ४६२ द्वितीय किकिम अध्ययन तृतीय मोग्गर पाणी अध्ययन १३ क - उत्थानिका - राजगृह, गुणशील चैत्य, श्रेणिक राजा, चेलना देवी ख- अर्जुन माली, बंधूमती भार्या, पुष्पाराम, मोग्गरवाणि यक्ष का यक्षायतन. सहस्र पल का मुद्गर ग- ललिता गोष्ठी वर्ग६ अ०३ घ- अर्जुन का बंधुमती के साथ पुष्पचयन के लिये जाना ङ - ललिता गोष्ठी का अशुभ संकल्प च - बंधुमति भार्या सहित अर्जुनमाली द्वारा यक्ष पूजा छ - ललिता गोष्ठी का अर्जुन और बंधुमती के साथ दुर्व्यवहार ज- यक्ष से अर्जुन की प्रार्थना, बन्धन से मुक्ति - क्षाविष्ट अर्जुन द्वारा ललिता गोष्ठी और बंधुमती के प्राणों का संहार ञ - अर्जुन के उपसर्ग से बचने के लिये राजगृह की सुरक्षा व्यवस्था ट- अर्जुन द्वारा ६ मास पर्यंत ६ पुरुषों और एक स्त्री का प्रतिदिन संहार ठ- भ० महावीर का समवसरण ड- भगवान् की वंदना के लिये श्रमणोपासक सुदर्शन के जाने का दृढ संकल्प - मार्ग में अर्जुन का उपसर्ग, उपसर्ग निवृति पर्यन्त सुदर्शन का कायोत्सर्ग, उपसर्ग निवृत्ति ण- सुदर्शन और अर्जुन का साथ साथ भगवद् वंदना के लिये जाना धर्मश्रवण त- अर्जुन का वैराग्य, प्रव्रज्याग्रहण, यावज्जीवन छुट्ट छुट्ट करने का अभिग्रह थ - अर्जुन मुनि की भिक्षाचर्या, आक्रोश परीषह, राजगृह से भ० महावीर का विहार Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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