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उपासक दशा-सूची
अ०८ सू०२४१ २२३-२२६ क- अग्निमित्रा के वध की धमकी से सद्दालपुत्र का विचलित
होना ख- अग्निमित्रा द्वारा सद्दालपुत्र को सान्त्वना ग- सद्दालपुत्र की परिवार से विरक्ति. उपासक प्रतिमाओं
की आराधना, संलेखना, अरुणभूत विमान में देव. चार पल्य की स्थिति. च्यवन, महाविदेह में जन्म और निर्वाण
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अष्टम महाशतक अध्ययन
प्रथम उद्देशक २२७ उत्थानिका-राजगृह नगर, गुणसील चैत्य, श्रेणिक राजा २२८ महाशतक गाथापति, सम्पत्ति के तीन विभाग, आठ व्रज
महाशतक के रेवती प्रमुख तेरह भार्यायें २३० क- आठ कोटी सुवर्णमुद्रा रेवती को पितृकुल से प्राप्त धन
और आठ व्रज ख- शेष बारह भार्याओं में से प्रत्येक के पास पितृकुल से
प्राप्त एक एक कोटी सुवर्ण मुद्रा और एक एक ब्रज २३१-२३३ भ० महावीर का समवसरण, महाशतक का व्रत ग्रहण
करना २३४-२३५ रेवती द्वारा छ सपत्नियों की शस्त्र प्रयोग और छ सप
त्नियों की विषप्रयोग से हत्या रेवती की मद्य मांस आहार में आसक्ति
राजगृह में अमारि [हिंसा निषेध] का डिण्डिम नाद २३८.२४०
रेवती का पीहर से गायों के बछड़े मंगवाना तथा उनका
मांस पकाकर खाना २४१ महाशतक का चौदह वर्ष का श्रमणोपासक जीवन, ज्येष्ठ
पुत्र को गृहभार सौंपना, पोषधशाला में धर्म आराधना
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