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________________ उपासक दशा-सूची १५५ १५६-१५७ १५८-१६० १६१ १६२ १६३ १६४ १६५ ४७६ पंचम चुल्लशतक अध्ययन प्रथम उद्देशक क- उत्थानिका— आलभिका नगरी. संखवन उद्यान. जित शत्रु राजा ख- चुल्लशतक गाथापति सम्पति के तीन विभाग छ व्रज. बहुला भार्या ग- भ० महावीर का समवसरण. व्रतग्रहण देव द्वारा चुल्लशतक की परीक्षा. ज्येष्ठ पुत्र के वध का दृश्य. चुल्लशतक की दृढता. समस्त सम्पति को बाहर फेंक देने की धमकी से चुल्लशतक का विचलित होना. भार्या द्वारा सान्त्वना, प्रायश्चित्त, परिवार से पृथकत्व. उपासक प्रतिमाओं की आराधना संलेखना. अरुणश्रेष्ठ विमान में उत्पन्न होना. चार पल्य की स्थिति. च्यवन. महाविदेह में जन्म और निर्वाण. अ०५- ६सू० १६५ षष्ठ कुण्डकोलिक अध्ययन प्रथम उद्देशक क- उत्थानिका --- काम्पिल्यपुर नगर. जितशत्रु राजा. ख- कुण्डको लिक गाथापति पूषा भार्या. सम्पत्ति के तीन विभाग छ व्रज Jain Education International ग- भ० महावीर का समवसरण व्रतग्रहण. अशोक वाटिका में धर्माराधना देव द्वारा कुण्डकोलिक की परीक्षा. गौशालक के नियति For Private & Personal Use Only सहस्राम्रवन उद्यान www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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