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________________ ज्ञाता०- सूची, सरण, प्रवचन, भूतानंद अग्रमहिषी, रुचादेवी का आगमन, वंदन, नृत्य दर्शन । पूर्व भव ग- चंपा नगरी, पूर्णभद्र चैत्य, रुचक गाथापति, रुचक श्री भार्या, रुचा पुत्री भ० पार्श्वनाथ का समवसरण - यावत् - शिवपद की प्राप्ति उपसंहार श्रु०२ व०५ द्वितीय सुरुचा अध्ययन चतुर्थ रुचकावती अध्ययन अग्रमहिषियों के ६ अध्ययन - यावत्-महाघोष की अग्रमहि षियों के ६ अध्ययन १५३ क- उत्थानिका ४६३ पंचम पिशाचादि अग्रमहिषी वर्ग अष्टम सुभगा दशम बहुपुत्रिका द्वादशम भार्या चतुर्दशम वसुमती प्रथम कमला अध्ययन ख- उत्थानिका, राजगृह, भ० महावीर का समवसरण पिशाचेन्द की अग्र महीषी कमलादेवी का आगमन, वंदन, नृत्यदर्शन ' पूर्वभव ग- नागपुर, सहस्राम्रवन, कमल गाथापति, कमलश्री भार्यां, कमला पुत्री, भ० पार्श्वनाथ का समवसरण - यावत् - शिव पद की प्राप्ति द्वितीय कमल प्रभा अध्ययन तृतीय उत्पला अध्ययन चतुर्थ सुदर्शना पंचम रूपवती षष्ठ बहुरूपा सप्तम सुरूपा नवम पूर्णा एकादशम उत्तमा त्रयोदशम पद्मा पंच दशम कनका Jain Education International " " 17 " तृतीय रुचांसा अध्ययन पंचम रुचकांता अध्ययन 17 11 For Private & Personal Use Only 77 "" 36 17 " 11 www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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