________________
श्रु० १ अ०६
मल्ली अर्हत
"
17
22
""
घ- मल्ली अहंत की ऊँचाई
का वर्ण
का संस्थान
का संहनन
ङ - मल्ली अहंत का विहार क्षेत्र
च - सम्मेत शैल शिखर पर भ० मल्ली अर्हंत की अन्तिम आराधना छ- मल्ली अहंत का गृहवास
केवल पर्याय
"
"
11
"
४४७
मनः पर्यव ज्ञानी वादलब्धि सम्पन्न मुनि अनुरक्तरोपपातिक मुनि दो प्रकार की अंतकृत् भूमियाँ
ज्ञाता०-सूची
नंदीश्वर द्वीप में अष्टाह्निका निर्वाण महोत्सव
पूर्णायु
के साथ निर्वाण होने वालों की संख्या
Jain Education International
नवम माकंदी अध्ययन
७६ क - उत्थानिका, चंपा नगरी, पूर्णभद्र चैत्य, माकंदी सार्थवाह, भार्या, सार्थवाह के दो पुत्र, जिन पालित और जिन रक्षित
ख- व्यापारार्थ जिनपालित और जिनरक्षित की बारहवीं बार लवण
समुद्र यात्रा
ग- यात्रा में विघ्न, पोत भंग
८० क- फलक के सहारे जिन पालित और जिन रक्षित का रत्नद्वीप के
भद्रा
तट पर पहुंचना
ख- रयणादेवी का दोनों भाईयों को अपने साथ ले जाना और अपने प्रासाद में रखना
८१ क- लवण समुद्र की सफाई के लिये लवणाधिप सुस्थित देव का
रयणादेवी को आदेश देना
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org