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________________ श्रु०१ अ०८ ४४५ ज्ञाता०-सूची मिथिला को दूत भेजना ७३ क- कुरुजनपद, हस्तिनापुर नगर, अदीन शत्रु राजा ख- मिथिला में महाराजा कुम्भ के सुपुत्र मल्लदिन्न कुमार द्वारा __ चित्र सभा निर्माण करने का आदेश ग- एक चित्रकार द्वारा मल्ली विदेहराजकन्या के चित्र का निर्माण घ- मल्ल दिन्न कुमार के आदेश से चित्रकार के अंगूठे का छेदन तथा देशनिकाले का दण्ड ङ- निर्वासित चित्रकार का हस्तिनापुर में आगमन च- निष्काषित चित्रकार का अदीनशत्रु को मल्ली विदेहराजकन्या के चित्रपट का दिखाना छ- मल्ली विदेहराजकन्या की याचना के लिये अदीनशत्रु का मिथिला को दूत भेजना ७४ क- पांचाल जनपद, कंपिलपुर नगर, जितशत्रु राजा, धारिणी राणी ख- चार वेदों की पारंगता चोखा नाम की परिव्राजिका द्वारा मल्ली विदेहराजकन्या के सन्मुख शौचधर्म का प्रतिपादन ग- मल्ली विदेहराजकन्या द्वारा-रक्त रंजित वस्त्र के उदाहरण से शौचधर्म का परिहार घ- अपमानित चोखा परिव्राजिका का कपिलपुर में आगमन ङ- जितशत्रु राजा को कूपमण्डूक का उदाहरण देकर चोखा ने ___ मल्ली विदेहराजकन्या का परिचय दिया च- मल्ली की याचना के लिये-जितशत्रु ने मिथिला को दूत भेजा ७५ क- प्रतिबुद्धि आदि छहों राजाओं द्वारा मिथिला के चारों ओर घेरा डालना ख- छहों राजाओं का मोहनघर में प्रवेश. मल्ली कुमारी द्वारा राजाओं को प्रतिबोध एवं पूर्वजन्म का वृतान्त कथन ग- छहों राजाओं को जातिस्मरण (पूर्व जन्म की स्मृति) घ- प्रतिविजित छहों राजाओं का स्व स्व स्थान में गमन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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