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श्रु० १ अ०३
ज्ञाता०-सूची ख- देवदिन्न के आभूषण ले लेना और मार कर भग्नकूप में
डाल देना देवदिन्न की शोध. बाल हत्यारे विजय चोर को कारागृह का
कठोर दण्ड ४० क- कर चोरी के अपराध में धन्ना सार्थ को कारागृह का दण्ड
धन्ना सार्थवाह और विजय चोर का एक बेड़ी से बन्धन ख- धन्ना सार्थवाह के लिए पंथक का भोजन ले जाना ग- धन्ना सार्थवाह का विजय चोर को भोजन देना क- विजय चोर को भोजन देने से भद्रा सार्थवाही का रुष्ट होना ख- धन्ना सार्थवाही की कारागृह से मुक्ति ग- विजय चोर को भोजन देने का कारण बताने से भद्रा की
नाराजगी का मिटना घ- विजय चोर की मृत्यु. नरक गति
ङ- भ० महावीर द्वारा निर्ग्रथ निग्रंथियों को शिक्षा ४२ क- धर्मघोष स्थविर का पदार्पण
ख- धन्ना सार्थवाह की प्रव्रज्या ग- अन्तिम आराधना घ- सौधर्म कल्प में देव होना. चार पल्य की स्थिति. च्यवन.
ङ- महाविदेह में जन्म और निर्वाण . ४३ भ० महावीर द्वारा निर्ग्रथ निग्रंथियों को शिक्षा
तृतीय अण्ड अध्ययन
शंका न करना ४४ क- उत्थानिका—चंपा नगरी. सुभूमि भाग उद्यान. मालुका कच्छ
मयूरी के दो अंडे. दो सार्थवाह पुत्र ४५ जिनदत्त और सागरदत्त की मैत्री ४६-४७ देवदत्ता गणिका के साथ दोनों मित्रों की वन क्रीड़ा
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