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भगवती-सूची
४१२ श०२६ उ०११ प्र०१ तृतीय उद्देशक . परम्परोपपन्न चौबीस दण्डक के जीवों में पापकर्मों का तथा आठकर्मों का बंध चतुर्थ उद्देशक अनन्तरावगाढ-चौबीस दण्डक के जीवो में पाप कर्मों का तथा आठकर्मों का बंध पंचम उद्देशक परम्परावगाढ चौवीस दण्डक के जीवों में पापकर्मों का तथा आठ कर्मों का बंध षष्ठ उद्देशक अनन्तराहारक चौबीस दण्डक के जीवों में पापकर्मों का तथा आठ कर्मों का बंध सप्तम उद्देशक परम्पराहारक चौबीस दण्डक के जीवों में पापकर्मों का बंध, तथा आठ कर्मों का बंध अष्टम उद्देशक अनन्तर पर्याप्त चौबीस दण्डक के जीवों में पाप कर्मों का बंध तथा आठ कर्मों का बन्ध नवम उद्देशक परम्पर पर्याप्त चौबीस दण्डक के जीवों में पाप-कर्मों का बंध तथा आठ कर्मो का बंध दशम उद्देशक चौबीस दण्डक के चरम जीवों में पापकर्मों का तथा आठ कर्मों का बन्ध इग्यारहवां उद्देशक चौबीस दण्डक के अचरम जीवों में पाप कर्मों का बंध तथा आठ कर्मों का बन्ध
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