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भगवती-सूची
४.०८
श० २५ उ०७ प्र०६६
४३
संयम स्थान ३३-३५ पांच चारित्र के संयम स्थान
संयम स्थानों का अल्प-बहुत्व
संनिकर्ष ३७-४२ पांच चारित्रों के पर्यव
योग पांच चारित्रों में योग
अल्प-बहुत्व ४४ पांच चरित्रों में पर्यवों का अल्प-बहुत्व
उपयोग पांच चारित्रों में उपयोग
कषाय ४६-४८ पांच चारित्रों में कषाय
लेश्या ४६ पांच चारित्रों में लेश्या
परिणाम ५०-५१ पांच चारित्रों में परिणाम ५२-५४ पाँच चारित्रियों के परिणामों की स्थिति
बन्ध ५५-५६ पांच चारित्रवालों के कर्म प्रकृतियों का बन्ध
वेदन ५७-५८ पांच चारित्र वालों के कर्म प्रकृतियों का वेदन
उदीरणा ५६-६१ पांच चारित्रवालों के कर्म प्रकृतियों की उदीरणा
उपसम्पद हानि ६२-६६ पांच चारित्रवालों को किस-किस चारित्र का हानि-लाभ
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