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श०२५ उ०७ प्र० ३२
७
६-१४
१५-१६
१७
१८-२०
२१
२२-२३
२४
२५
२८-३०
३१-३२
४०७
वेद
पांच चारित्र वालों में वेद
राग
पांच चारित्रों में सराग वीतराग
शरीर
पांच चारित्रवालों के शरीर
क्षेत्र
पांच चारित्र के क्षेत्र
काल
२६-२७ पांच चारित्रों के काल
कल्प
पांच चारित्रों में कल्प
प्रतिसेवना
पांच चारित्रवालों में प्रतिसेवना
ज्ञान
पांच चारित्रवालों में ज्ञान
श्रुत
पांच चारित्रवालों का श्रुतज्ञान
तीर्थ
पांच चारित्र तीर्थ में या अतीर्थ में
लिंग
शरीर पांच चारित्रवालों के लिङ्ग
गति
पांच चारित्रवालों की गति
स्थिति
पांच चारित्रवालों की स्थिति
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भगवती-सूची
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