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श० २५ ३०४ प्र०३६
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भगवती-सूची
ख - चौवीस दण्डक के जीव और सिद्ध ( एक वचन की अपेक्षा )
द्रव्य से कल्योन रूप हैं
: १५
१६
१७ क- जीव के प्रदेश कृतयुग्मरूप हैं
जीव (बहुवचन की अपेक्षा) द्रव्य से कत्योज रूप हैं चौबीस दण्डक के जीव तथा सिद्ध द्रव्य से कल्योज रूप हैं
१८
१६
२०
२१
२२-२५
२६
२७-२८
ख- शरीर के प्रदेश कृतयुग्मादि ( ४ ) रूप हैं सिद्ध के प्रदेश कृतयुग्मरूप हैं
३८
३६
(बहुबचन की अपेक्षा )
जीवों तथा सिद्धों (बहुवचन की अपेक्षा) के प्रदेश कृतयुग्म हैं एक या अनेक जीवों की अपेक्षा आकाश प्रदेश में कृतयुग्मादि चौवीस दण्डक तथा सिद्ध
एक या अनेक जीवों के स्थितिकाल में कृतयुग्मादि चौवीस दण्डक तथा सिद्ध
एक या अनेक जीवों के कृष्ण आदि वर्ण-पर्याय कृतयुग्मादि रूप हैं
पर्याय
२६-३०
३१-३२
३३
३४
३५-३७ क- सकम्प निष्कम्प जीव
एक या अनेक जीवों के आभिनिबोधिक आदि ज्ञान के पर्याय एक या अनेक जीवों के केवलज्ञान के पर्याय
एक या अनेक जीवों के मतिअज्ञान यावत् - केवल दर्शन के पर्याय पांच प्रकार के शरीर
ख- सकम्प और निष्कम्प होने का हेतु
ग- देश या सर्व से सकम्प
घ- चौवीस दण्डक के जीव सकम्प निष्कम्प
पुद्गल
परमाणु-यावत्-अनन्त प्रदेशी स्कंधों का परिणाम एक आकाश प्रदेश में रहे पुद्गल
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