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________________ G m . o W भगवती-सूची श०२५ उ०४ प्र०१४ ४४ आकाश की श्रेणियों के प्रदेश ४५-४६ अलोकाकाश श्रेणियों की संख्या ५० लोकाकाश की श्रेणियों और सादिसपर्यवसित आदि भाँगे ५१ अलोकाकाश की श्रेणियां और सादिसपर्यवसित आदि भांगे ५२-५६ कृतयुग्मादि रूप आकाश की श्रेणियां सात प्रकार की श्रेणियां परमाणु की गति द्विप्रदेशिक स्कंध-यावत्-अनन्त प्रदेशिक स्कंध की गति चौवीस दण्डक के जीवों की श्रेणी के अनुसार गति नरकावास-यावत्-विमानावास ६२ गणिपिटक ६३ श्राचारांगादि अंगों की प्ररूपणा ६४ क- पांच गति का अल्प-बहुत्व ख- आठ गति का अल्प-बहुत्व ६५ सेन्द्रिय-यावत्-अनेन्द्रिय जीवों का अल्प-बहुत्व जीव और पुद्गलों के सर्वपर्यायों का अल्प-बहुत्व आयु कर्म के बंधक और अबंधक जीवों का अल्प-बहुत्व चतुर्थ युग्म उद्देशक चार प्रकार के युग्म चौवीस दण्डक में कृतयुग्मादि ६ प्रकार के द्रव्य ५-७ ६ प्रकार के द्रव्यों का कृतयुग्मादि रूप ८ (६ प्रकार के) द्रव्यों के प्रदेशों का कृतयुग्मादि रूप ६ ६ प्रकार के द्रव्यों का अल्प-बहुत्व १०-१२ ६ प्रकार के द्रव्य अवगाढ अनवगाढ १३ रत्नप्रभा-यावत्-ईषत्प्रारभारा पृथ्वी अवगाढ अनवगाढ १४ क- जीव द्रव्य से कल्योज रूप हैं २-३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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