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________________ भगवती-सूची दशम केवली उद्देशक ६-१११ केवली के ज्ञान की व्यापकता २. ३६२ श० १५३०१ प्र० ३ पंद्रहवाँ शतक प्रथम उद्देशक क- श्रावस्ती नगरी, कोष्ठक चैत्य, आजीविक उपासिका हालाहला कुंभकारी ख- गोशालक के समीप छह दिशाचरों का आगमन ग- आठ प्रकार निमित्त, नवचां गीत, दशवां नृत्य घ- छह प्रकार का फलादेश क- भ० महावीर का पर्दापण ख- गोशालक का अपने आपको जिन कहना ग- भ० महावीर ने गौतम की जिज्ञासा पूर्ति के लिये गोशालक का जीवन वृत्तांत सुनाया क- माता-पिता के स्वर्गवास के पश्चात् भ० महावीर की दीक्षा ख- प्रथम वर्षावास अस्थिग्राम में Jain Education International ग- द्वितीय वर्षावास राजगृह में घ- भ० महावीर का विजय गाथापति के घर पर प्रथम मासो-पवास का पारणा ङ - पांच प्रकार की दिव्य वर्षा च - गोशालक का विजय गाथापति के घर आगमन छ- आनन्द गाथापति के घर भ० महावीर के द्वितीय मासोपवास का पारणा ज- सुनन्द गाथापति के घर भ० महावीर के तृतीय मासोपवास का पारणा भ- बहुल ब्राह्मण के घर भ० महावीर के चतुर्थ मासोपवास का पारणा For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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