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श० १४ उ०६ प्र०६८
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भगवती-सूची
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अम्बरयष्टिका ---शालवृक्ष के समान परिव्राजक अंबड़ परिव्राजक देव सामर्थ्य अव्याबाध देव का वैक्रिय सामर्थ्य इन्द्र की स्फूर्ति जुभक देव-वर्णन जभक देवों के दशनाम जभक देवों का निवासस्थान जुभक देव की स्थिति
नवम अणगार उद्देशक ८७ भावित आत्मा अनगार का ज्ञान
पुद्गल ८८ पुद्गल स्कंध का प्रकाश ८६ चन्द्र-सूर्य के विमानों के पुद्गल ६०-६२ चौवीस दण्डक के जीवों को सुख-दुःख देनेवाले पुद्गल ६३ क- चौवीस दण्डक के जीवों को इष्ट-अनिष्ट पुद्गल ख- इसी प्रकार कांत, प्रिय और मनोज्ञ पुद्गल
देव सामर्थ्य ६४ महद्धिक देव का भाषा सामर्थ्य
भाषा भाषा की एकता ज्योतिषी देव सूर्य का भावार्थ सूर्य की प्रभा
श्रमण और देव १८ श्रमणों के सुख से देवताओं के सुख की तुलना
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