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________________ ज्ञ०९ उ० ३२ प्र०६८ ३३१ भगवती-सूची बत्तीसवाँ गाँगेय उद्देशक ५५ वाणिज्य ग्राम, दूतिपलाश चैत्य, भ० महावीर और पार्वापत्य गांगेय जन्म-मरण ५६-५८ चौवीस दण्डक में-जीवों की सांतर (अंतर सहित) निरंतर (अंतर रहित) उत्पत्ति ५६-६२ चौवीस दण्डक में जीवों का सांतर-निरंतर च्यवन (मरण) ६३ चार प्रकार का प्रवेशनक ६४-७७ क- नै रयिक प्रवेशनक ख- एक संयोगी-यावत-सप्तसंयोगी विकल्प ७८ नैरयिक प्रवेशनक अल्प-बहुत्व ७६.८२ तिर्यंच योनिक प्रवेशनक एक संयोगी-यावत्-पंच संयोगी विकल्प ८३ तिर्यंच योनिक प्रवेशनक अल्प-बहुत्व ८२.८६ क- मनुष्य प्रवेशनक ___ ख- एक मनुष्य-आवत्-असंरव्यात मनुष्य ६० मनुष्य प्रवेशक अल्प-बहुत्व ६१-६२ क- देव प्रवेशनक ख- एक देव-यावत-असंख्य देव १३ देव प्रवेशनक अल्प-बहुत्व १४ सर्व प्रवेशनक अल्प-बहुत्व जन्म-मरण ६५ क-चौवीस दण्डक के जीवों का सान्तर-निरन्तर उत्पन्न होना ख- चौवीस दण्डक के जीवों का सान्तर निरन्तर मरण ६६ चौवीस दण्डक में विद्यमान की उत्पत्ति ६७ चौवीस दण्डक में विद्यमान का मरण १८ क- प्रश्नोत्तर ६६-६७ की पुनरावृत्ति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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