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श०१ उ०६ प्र० २०६
ङ - वनस्पतिकायिकों में
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"
१६३ क - विकलेन्द्रियों में स्थिति आदि दश स्थान
ख- कषाय के भांगों में वैविध्य
१९४ क- तिर्यंच पंचेन्द्रियों में स्थिति आदि दश स्थान ख- कषाय के भांगों में वैविध्य
१९५ क - मनुष्यों में स्थिति आदि दश स्थान
ख- कषाय के भांगों में वैविध्य
१६६ क- व्यंतर आदि तीन दण्डकों में स्थिति आदि दश स्थान ख- कषाय के भांगों में वैविध्य
२०२
२०३
२०४
१६७
उदयास्त के समय समान दूरी से सूर्य दर्शन
१९८-२०१ क- उदयास्त के समय समान दूरी से प्रकाश क्षेत्र
ख
ग
२०५
२०६
षष्ठ यावन्त उद्देशक
सूर्य
२०७
२०८
२०६
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37
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२७४
लोक-लोक
लोकान्त और अलोकान्त का स्पर्श
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द्वीप - समुद्र
द्वीपान्त और सागरान्त का स्पर्श
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भगवती-सूची
ताप क्षेत्र
स्पर्श
छह दिशाओं में स्पर्श
क्रिया विचार
जीव द्वारा प्राणातिपात क्रिया
प्राणातिपात क्रिया का छह दिशाओं में स्पर्श
कृत है वह क्रिया है
क्रिया आत्मकृत है
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" छह दिशाओं में स्पर्श
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