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________________ समवाय ७३-७७ २४३ समवायांग-सूची ا ه ه ه ه ه مه ل س तिहत्तरवाँ समवाय १ क- हरिवर्ष की जीवा ख- रम्यक् वर्ष की जीवा विजय बलदेव का आयु चौहत्तरवाँ समवाय स्थविर अग्निभूति का आयु निषध पर्वत के तिगिच्छ द्रह से सीतोदा नदी का उद्गम प्रवाह नीलवत पर्वत के सीता नदी का उद्गम प्रवाह चतुर्थ नरक के अतिरिक्त छहों नरकों के नरकावास पचहत्तरवाँ समवाय भ० सुविधिनाथ के सामान्य केवली भ० शीतलनाथ का गृहवास काल भ० शांतिनाथ का गृहवास काल छिहत्तरवाँ समवाय १ विद्युत्कुमार के भवन २ क- द्वीप कुमार के भवन ख- दिशा कुमार के भवन ग- उदधि कुमार के भवन घ. स्तनित कुमार के भवन ङ- अग्निकुमार के भवन सतहत्तरवाँ समवाय भरत चक्री की कुमारावस्था २ स्थविर अकंपित का आयु ३ क- सूर्य के उत्तरायण होने पर दिन की हानि-वृद्धि ___ ख- सूर्य के दक्षिणायन होने पर दिन की हानि वृद्धि ا م Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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