________________
समवायांग सूची
१
४
१
३
४
१
४
w
60
३
४
५ क- पुष्करार्ध में चन्द्र ख- पुष्करार्ध में सूर्य चक्रवर्ती के पुर पुरुष की कलायें
८
२४२
उनहत्तरवाँ समवाय
समय क्षेत्र में मेरु को छोड़कर शेष वर्षधर पर्वत
मेरु पर्वत के पश्चिमान्त से गौतम द्वीप के पश्चिमान्त का अंतर मोहनीय को छोड़कर शेष सात कर्मों की उत्तर कर्म प्रकृतियाँ
सितरवाँ समवाय
भ० महावीर के वर्षावास के दिन-रात भ० पार्श्वनाथ की श्रमण सम्पदा भ० वासुपूज्य की ऊँचाई मोहनीय कर्म की उत्कृष्ट स्थिति माहेन्द्र के सामानिक देव
इकोत्तरवाँ समवाय
सूर्य की आवृत्ति का काल वीर्य प्रवाद के प्राभृत
भ० अजितनाथ का गृहवास काल
सागर चक्रवर्ती का गृहवास काल
बहत्तरवाँ समवाय
सुवर्ण कुमार के भवन
लवण समुद्र की बाह्य वेला को रोकनेवाले नागकुमार भ० महावीर का आयु
स्थविर अचलभ्राता का आयु
सम्मूर्छिम खेचर की उत्कृष्ट स्थिति
Jain Education International
समवाय ६६-७२
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org