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________________ समवायांग-सूची २३२ समवाय ३४-३६ १ सर्वार्थसिद्ध विमान के देवों का आहारेच्छा काल १ कुछ भवसिद्धिकों की तेतीस भव से मुक्ति सूत्र संख्या १४ चौतीसवां समवाय १ बुद्धातिशय २ चक्रवर्ती के विजय ३ जम्बूद्वीप के दीर्घ वैताढय पर्वत ४ जम्बूद्वीप में अधिकतम तीर्थंकर ५ चमरेन्द्र के भवन ६ प्रथम, पंचम, षष्ठ और सप्तम नरक के नरकावास पैंतीसवां समवाय १ सत्य वचनातिशय २ भ० कुंथु नाथ की ऊंचाई ३ भ० अरह नाथ की ऊंचाई ३ दत्त वासुदेव की ऊंचाई ४ नंदन बलदेव की ऊंचाई ५ माणवक स्तंभ के मध्यभाग का परिमाण ६ द्वितीय और पंचम नरक के नरकावास छत्तीसवां समवाय १ उत्तराध्ययन के अध्ययन २ चमरेन्द्र के सुधर्मा सभा की ऊंचाई ३ भ० महावीर की श्रमणी सम्पदा ४ चैत्र और आश्विन में पौरुषी प्रमाण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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