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________________ समवायांग-सूची ७ गंगा नदी के प्रपात का परिमाण सिन्धु नदी के प्रपात का परिमाण रक्ता नदी के प्रपात का परिमाण रक्तवती नदी के प्रपात का परिमाण ६ लोकबिन्दुसार पूर्व के वस्तु २२६ १ रत्नप्रभा के कुछ नैरयिकों की स्थिति २ तमस्तमा के कुछ नैरयिकों की स्थिति ३ कुछ असुर कुमारों की स्थिति ४ सौधर्म - ईशान कल्प के कुछ देवों की स्थिति ५ मध्यम प्रथम ग्रैवेयकों की स्थिति १ मध्यम प्रथम ग्रैवेयकों का श्वासोच्छ्वास काल १ मध्यम प्रथम ग्रैवेयकों का आहारेच्छा काल १ कुछ भवसिद्धिकों की पच्चीस भव से मुक्ति सूत्र संख्या १७ छवीसवां समवाय १ दशाश्रुतस्कंध, बृहत्कल्प और व्यवहार के उद्देशक २ अभव सिद्धिक जीवों के सत्ता में मोहनीय की कर्म प्रकृतियां १ रत्नप्रभा के कुछ नैरयिकों की स्थिति २ तमस्तमा के कुछ नैरयिकों की स्थिति ३ कुछ असुर कुमारों की स्थिति ४ सौधर्म - ईशान कल्प के कुछ देवों की स्थिति ५ मध्यम दूसरे ग्रैवेयकों की स्थिति ६ मध्यम प्रथम ग्रैवेयकों की स्थिति १ उक्त ग्रैवेयकों का श्वासोच्छवास काल Jain Education International समवाय २६ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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