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( २२ ) में है और वे सभी पोरवाल हैं । बडेवास में भी स्थानकवासी जैनों के कुछ घर हैं। उनमें कुछ घर ओसवाल हैं और कुछ घर पोरवाल हैं । स्वर्गीय स्वामीजी श्री बखतावरमलजी महाराज को श्रामण्यसाधना का केन्द्र-सांडेराव नगर।
आप मेरे स्वर्गीय गुरुदेव श्री प्रताप चन्द्रजी म. सा. के गुरुदेव के गुरुभ्राता थे । आपका आगम ज्ञान एवं आत्मबल प्रसिद्ध था । आपने संविग्न शाखा के अनेक मुनियों व साध्वियों को ज्ञान-दान दिया था । आपके श्रामण्य जीवन की अनेक दिव्य चमत्कारी घटनाएँ वद्ध पुरुष सुनाया करते हैं । आपका जैन जैनेतर जनतापर समान प्रभाव था। बम्बई क्षेत्र को पावन करनेवाले प्रथम स्थानकवासी श्रमण आप ही थे। पंजाब के नाभा, पटियाला क्षेत्र भी आपके चरण-रज से पावन हुए थे, सारा गोड़वाड़ प्रान्त आपकी प्रमुख विहार-भूमि रहा, आपका स्वर्गवास इसी ऐतिहासिक नगर में हुआ।
सांडेरावमें स्वामीजी महाराज के प्रमुख उपासक१. शा० धनरूपमल जी हीराजी पुनमिया, बडावास,
आपने अपने एक स्व० प्रिय पुत्र की स्मृति में बांकलोवास में विशाल धर्म-स्थानक का निर्माण करवाया, आपके सुपुत्र श्री ज्ञानमलजी और श्री राजमलजी विद्यमान हैं, दोनों भाइयों का धर्म प्रेम व गुरुभक्ति प्रशंसनीय है, एक निजी नोहरे का सार्वजनिक के हित में उपयोग करके दोनों भाई पुण्योपार्जन कर रहे हैं। २ शा० पोमाजी दलिचन्दजी, बांकलीवात ___ आप स्वामीजी महाराज के परम भक्त, सरल स्वाभावी एवं परोपकारी श्रावक थे, आपका बहुत बड़ा परिवार इस समय विद्यमान है, जो चोवटिया परिवार के नाम से प्रसिद्ध है, आपके सारे परिवार की धर्म पर
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