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स्थानांग सूची
६६४
६६५ नव पदार्थ
६६६
६७०
६७१
६७२
भ० अभिनन्दन और भ० सुमतिनाथ का अंतर
६७३
६७४
६७५
६७६
नव प्रकार के संसारी जीव
पृथ्वीकाय
अप्काय
तेजस्काय
वायुकाय वनस्पतिकाय
द्वीन्द्रिय
त्रीन्द्रिय
चतुरिन्द्रिय पंचेन्द्रिय
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11
में नव की गति. नव की आगति
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१६१ श्रु०१, अ०६, उ० १ सूत्र ६७६
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नव विकृति
शरीर के नव द्वार
नव प्रकार का पुण्य
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17
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17
33
31
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रोगोत्पत्ति के नव कारण
नव प्रकार का दर्शनावरणीय कर्म
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ख- नव प्रकार के सर्व जीव
ग
की सर्व जीवों की अवगाहना ( शरीर का प्रमाण ) घ- सांसारिक जीवों को त्रैकालिक अवस्थिति
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६६७
६६८
६६ क - अभिजित का चन्द्र के साथ योग काल
ख- चन्द्र के साथ उत्तर की ओर से योग करने वाले नत्र नक्षत्र समभूभाग से ताराओं की ऊंचाई
जम्बूद्वीप में नव योजन के मत्स्यों का त्रैकालिक प्रवेश जम्बूद्वीप के भरत में इस अवसर्पिणी में नव बलदेव-नव वासुदेवों के पिता. शेष वर्णन समवायांग के समान प्रत्येक निधि का विष्कम्भ चक्रवर्ती की नव निधि
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