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श्रु०१, अ०७, उ०१ सूत्र ५६१ १८२
स्थानांग-सूची ५८० क- नंदीश्वर द्वीप में सात द्वीप
ख- , , , , समुद्र ५८१ सात श्रेणियां ५८२ सर्व देवेन्द्रों की सात-सात सेना और सात-सात सेनाधिपति ५८३ " के " " कच्छ, प्रत्येक कच्छ के देवों की संख्या ५८४ वचन के सात विकल्प ५८५ क- सात प्रकार का प्रशस्त मन विनय ख. " " " अप्रशस्त " "
प्रशस्त वचन " अप्रशस्त " "
प्रशस्त काय
" अप्रशस्त " " छ- " " " लोकोपचार ." ५८६ सात समुद्घात ५८७ क- भ० महावीर के सात प्रवचन निन्हव
ख- निन्हवों के सात जन्म नगर ५८८ शाता वेदनीय कर्म के सात अनुभाव ५८६ क- मघा नक्षत्र के सात तारे
ख- पूर्व दिशा में द्वारवाले सात नक्षत्र ग- दक्षिण दिशा में ,, ,, , घ- पश्चिम , , , ,
ङ- उत्तर , , , " ५६० क- वक्षस्कार पर्वत
जम्बूद्वीप में सोमनस वक्षस्कार पर्वत पर सात कूट __ ख- , , गंधमादन , , , , ५९१ द्वीन्द्रिय की कुल कोड़ी
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