________________
स्थानांग-सूची
१८१ श्रु०१, अ०७ उ०१ सूत्र ५७६
५७२
ङ- सात प्रकार का सारंभ च- , , , असारंभ छ- ,, ,, ,, समारंभ ज-, ,, असमारंभ
___कोठे में रहे हुए धान्यों की स्थिति ५७३ क- बादर अप्काय की स्थिति ___ ख- बालुका प्रभा के नैरयिकों की उत्कृष्ट स्थिति
ग- पंक प्रभा के नैरयिकों की जघन्य स्थिति ५७४ क- ईशानेन्द्र के आभ्यन्तर परिषद के देवों की स्थिति
ख- ईशानेन्द्र के अग्रमहिषियों की स्थिति
ग- सौधर्म कल्प में परिगृहित देवियों की उत्कृष्ट स्थिति ५७५ सारस्वत देव और उनका परिवार
आदित्य , " " गर्दतोय ,
" तुषित ,
" ५७६ क- शक्रेन्द्र के वरुण लोकपाल की सात अग्रमहिषियां
ख- ईशानेन्द्र के सोम , , , , " ग- ,, ,, यम , ,,, , ५७७ क- सनत्कुमार कल्प में देवों की उत्कृष्ट स्थिति
ख- माहेन्द्र , , " " ग- ब्रह्मलोक ,
" " ५७८ ब्रह्मलोक कल्प में विमानों की ऊंचाई . ५७६ भवनवासी देवों की ऊंचाई व्यंतर
॥ ज्योतिषी , , सोधर्म कल्प के ईशान कल्प के
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org