________________
स्थानांग-सूची
१८० श्रु०१, अ०७ उ०१ सू०५७१
५५६
ण- पुष्करोदधि में मिलने वाली सात नदियाँ त- कालोद समुद्र में मिलने वाली सात नदियाँ थ- पुष्कर वर द्वीपार्ध में, पश्चिमार्ध के ठ-से-ण-तक के समान क- जम्बूद्वीप के भरत की अतीत उत्सर्पिणी में सात कुलकर ख- , , ,, ,, वर्तमान अवसर्पिणी ,, ,
ग- , , ,, ,, आगामी उत्सर्पिणी ,, ,, ५५७ सात प्रकार की दंड नीति । ५५८ चक्रवर्ती के सात एकेन्द्रिय रत्न
" ,, पंचेन्द्रिय , ५५६ बुरे काल के सात लक्षण
अच्छे ,, , , , ५६० सात प्रकार के संसारी जीव ५६१ आयु क्षय के सात कारण ५६२ क-ख-सात प्रकार के सर्व जीव ५६३ ब्रह्मदत्त चक्रवर्ती का आयु और गति ५६४ भ० मल्लिनाथ सहित दीक्षित होने वाले सात व्यक्ति ५६५ सात प्रकार के दर्शन ५६६ छद्मस्थ वीतराग के सात कर्म प्रकृतियों का वेदन ५६७ असर्वज्ञ के जानने के अयोग्य सात पदार्थ
सर्वज्ञ ,, ,, ,, योग्य , , ५६८ भ० महावीर की ऊंचाई ५६६ सात विकथा ५७० आचार्य और उपाध्याय के गण के सात अतिशय ५७१ क- सात प्रकार का संयम
ख- , , असंयम ग- " "
आरंभ अनारंभ
घ-
,
,
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org