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________________ ५१६ ५२२ क श्रु०१, अ०६, उ०१ सूत्र ५२६ १७५ स्थानांग-सूची ५१८ अभिचन्द्र कुलकर की ऊंचाई भरत चक्रवर्ती का राज्य-काल ५२० भ० पार्श्वनाथ के बादल ब्धिसम्पन्न मुनि भ० वासुपूज्य के साथ दीक्षित होनेवाले भ० चन्द्रप्रभ का छद्मस्थ काल ५२१ क- त्रीन्द्रिय जीवों की रक्षा करने से छह प्रकार का संयम ख- " " " हिंसा करने से छह प्रकार का असंयम बुद्वीप में छह अकर्मभूमि ख- क्षेत्र " वर्षधर पर्वत घ- " " " कूट " महा द्रह " " ,, की अधिष्ठात्री देवियों को स्थिति " के मेरु पर्वत से दक्षिण में छह महा नदियाँ ॥ ॥ " उत्तर " " " " " " पूर्व में सीतानदी के दोनों किनारों पर . ६ अंतर नदियाँ अ- जम्बुद्वीप के मेरुपर्वत से पश्चिम में सीतानदी के दोनों किनारों पर ६ अंतर नदियाँ ट- धातकी खण्ड द्वीप के पूर्वार्ध में क-से-अ-तक पूर्वोक्त क्रम ठ- धातकी खण्ड द्वीप के उत्तरार्ध में क-से-ज-तक का पूर्वोक्त क्रम ५२३ छह ऋतु ५२४ क- छह क्षय तिथियाँ ख- " अधिक " ५२५ ज्ञान के भेद आभिनिबोधिक ज्ञान के छह अर्थावग्रह ५२६ छह प्रकार का अवधिज्ञान Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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