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श्रु०१, अ० ४, उ०२ सू०३०२ १४७
स्थानांग-सूची ग- चार प्रकार का बंधनोपक्रम घ- " " " उदीरणोपक्रम - " " ॥ उपशमनोपक्रम
प्रकार का विपरिणमनोपक्रम छ- " " " अल्प-बहत्व ज- " " " संक्रम—एक अवस्था से दूसरी अवस्था
में पहुँचना ज- " " " निधत्त-दृढतर बंधन
अ- " " " निकाचित-दृढ़तम. बंधन २६७ चार एक संख्यावाले
२६८
" बहु
२६४
" सर्व
"
३००
पर्वत
سه
मानुषोत्तर के चार दिशाओं में चार कूट जम्बूद्वीप के भरत-ऐरवत क्षेत्र में अतीत उत्सपिणी के आरे
का परिमाण " " , " वर्तमान उत्सर्पिणी , , , , आगामी उत्ससिणी ,
अकर्मभूमि क्षेत्र क- जम्बूद्वीप में चार अकर्म भूमि ख- पर्वत ___जम्बूद्वीप में चार वैताढ्य पर्वत ग- पर्वतवासी देव और उनकी स्थिति __ चार देवों के नाम घ- क्षेत्र जम्बूद्वीप में चार महाविदेह
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