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स्थानांग-सूची
१३६ श्रु०१, अ०३, उ०४ गाथा २२१ ग- तीन समूह प्रत्यनीक घ- , अनुकंपा , ङ- , भाव ॥ च- , श्रुत , क- तीन पिठ्यंग
ख- , माथ्यंग २१० निग्रंथ की महानिर्जरा के तीन कारण २११ तीन प्रकार का पुद्गल प्रतिघात २१२ , , के चक्षु २१३ , , का अभिसमागम-यथार्थ ज्ञान २१४ क- तीन प्रकार की ऋद्धि
ख- , , , देवद्धि ग-घ-, , , रायद्धि
ङ-च-, , , गणि-ऋद्धि २१५ तीन प्रकार के गर्व । २१६ , , , कारण २१७ , , , धर्म २१८ ,, , की व्यावृत्ति-निवृत्ति २१६ ॥ ॥ का अंत
क- तीन प्रकार के जिन ख. , , , केवली ग- , , , अरिहंत
तीन दुर्गंध वाली लेश्या ख- " सुगंध ग- " दुर्गति गामिनी ध- " सुगति ॥ ॥ ङ- " संक्लिष्ट
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