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श्रु०१, अ०३, उ०४ सूत्र १६४ १३३
स्थानांग-सूची १८८ क- तीन प्रकार का धर्म
उपक्रम ग- " " "
" उभयोपक्रम का वैयावृत्य का अनुग्रह " अनुशासन
" उपालम्भ १८६ क- तीन प्रकार की कथा
ख- " का विनिश्चय १६० पर्युपासना के फल की परम्परा सूत्र संख्या २३
चतुर्थ उद्देशक १६१ क- प्रतिमाधारी तीन प्रकार के उपाश्रयों की प्रतिलेखना करे ख- "
"
" " आज्ञा ले
में प्रवेश करे " " संस्तारकों की प्रतिलेखना करे
" " " " आज्ञा ले १६२ क- तीन प्रकार का काल
ख- " " " समय ग- " " " आवलिका-यावत-तीन प्रकार का अवसर्पिणी
-
काल
घ- " के पुद्गल १६३ क-ग-" " के वचन १६४ क- तीन प्रकार की प्रज्ञापना
ख- " " के सम्यक् ग- " " " उपघात
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