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श्रु०१, अ०३, उ०३ सूत्र १८७ १३२ स्थानांग-सूची
क- जम्बुद्वीप में तीन कर्मभूमि क्षेत्र ख- धातकी खंड द्वीप के पूर्वार्ध में तीन कर्मभूमि क्षेत्र ग- " " पश्चिमार्ध में " ग- पुष्करवर द्वीपार्ध के पूर्वार्ध में " घ. " " पश्चिमाई में " क- तीन प्रकार के दर्शन ख- " " की रुची
" का प्रयोग १८५ क- " " का व्यवसाय
ख. " , ग- " " " घ- इह लौकिक व्यवसाय तीन प्रकार का ङ- लौकिक " " च- वैदिक " " छ- सामयिक ॥ ॥ ॥
ज- अर्थोत्पत्ति के तीन कारण १८६ क- तीन प्रकार के पुद्गल
ख- नरकों के तीन आधार
ग- आधारों के सम्बन्ध में नयों की अपेक्षा से विचार १८७ क- तीन प्रकार का मिथ्यात्व
की अक्रिया " प्रयोग क्रिया " सामुदायिकी क्रिया
का अज्ञान च- "
अविनय
अज्ञान
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