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स्थानांग-सूची
११६ श्रु०१, अ०२, उ०३ सूत्र ६४ ट- हिमवंतवर्ष-हिरण्यवंत वर्ष में सुषम-दुषम काल का अनुभव ठ- पूर्व विदेह-पश्चिम विदेह में " ड- भरत ऐरवत में छहों कालों का अनुभव
जम्बुद्वीप के चन्द्र-सूर्य आदि दो चन्द्र, दो सूर्य कृतिका से भरणी पर्यन्त २८ नक्षत्र दो दो अग्नि से यम पर्यन्त नक्षत्रों के अधिपति दो दो अंगारक से भावकेतु पर्यन्त दो दो ग्रह जम्बुद्वीप वेदिका की ऊंचाई लवण समुद्र का वृत्ताकार विष्कम्भ
" वेदिका की ऊंचाई ६२ क- धातकी खण्ड द्वीप के पूर्वार्ध में सूत्र ८६ से ८६ तक के समान
ख- धातकी खण्ड द्वीप के पश्चिमार्ध में सूत्र ८६से ८६ तक के समान ग- वृक्ष और देवों के नामों में अन्तर घ- धातकी खण्ड द्वीप में वर्ष-क्षेत्र, वृक्ष, देव, वर्षधर पर्वत,
वृत्त वैताढय पर्वत, वक्षस्कार पर्वत, कूट, द्रह, द्रहवासी देवी, महानदी, आंतर नदी, चक्रवर्ती विजय, विजयों की राजधानियों के नाम, मेरु पर्वत के वनखण्ड, अभिषेक शिला,
मेरु चूला ६३ कालोदधि समुद्र के वेदिका की ऊंचाई
पुष्करवर द्वीपार्ध के पूर्व भाग का वर्णन
, , पश्चिमभाग ,,
,, द्वीप- वेदिका की ऊंचाई समस्त द्वीप समुद्रों के वेदिका की ऊंचाई क- १० सूत्र-भवनवासी देवों के २० इन्द्र ख- १६ सूत्र-व्यन्तर देवों के ३३ इन्द्र ग- १ सूत्र-ज्योतिषी ,, का २ ,
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