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श्रु०१ अ०२ उ० ३, सूत्र ८६ ११५
स्थानांग-सूची भरत क्षेत्र में दो समान प्रपात द्रह हिमवंत वर्ष हरिवर्ष महाविदेह रम्यक् वर्ष हिरण्यवंत वर्ष " "
ऐरवत वर्ष घ- जम्बुद्वीप में दो दो समान नदियां
भरत क्षेत्र में दो महानदियाँ हिमवत्त वर्ष हरिवर्ष महाविदेह रम्यक् वर्ष हिरण्य वर्ष
एरवत क्षेत्र ८६ क- जम्बुद्वीप में एक साथ उत्पन्न होने वाले उत्तम पुरुषों के
दो दो वंश भरत ऐरवत क्षेत्र में त्रिकालवर्ती दो अरिहंत वंश
चक्रवर्ती "
दशार दो अरहंत थे, हैं और होवेंगे
चक्रवर्ती च- " ,
बलदेव
वासुदेव ज- जम्बुद्वीप में कालचक्र का अनुभव झ- देवकुरु-उत्तर कुरु में सुषम-सुषम काल का अनुभव अ- हरिवर्ष-रम्यक् वर्ष में सुषम
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