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________________ ( १२ ) २ युवा व अल्पवयस्क स्वाध्यायशील व्यक्तियों को सूक्ष्माक्षरों में __ लधुकाय संस्करण रुचिकर होते हैं। ३ विद्वद्वर्ग के लिए प्रौढ़ साहित्यिक सुललित सरस भाषा में आगमों का अनुवाद प्रभावोत्पादक होता है । ४ अल्प-पठित पुरुष एवं महिलाओं के लिए सरल भाषा में आगमों का अनुवाद अधिक रुचिकर एवं ज्ञानवर्धक होता है । इस प्रकार आगमों को लोकप्रिय बनाने के लिए विविध प्रकार के संस्करणों का प्रकाशन आवश्यक है । विश्व के विद्यालयों को जैनागमों का उपहार ____ विश्व की साहित्यिक भाषाओं में अनुवाद एवं मुद्रित जैनागमों का अति शुद्ध संस्करण विश्व के विश्वविद्यालयों में पहुँचाना तथा आगमिक विषयों पर शोध निबन्ध लिखने वाले जैन जैनेतर बन्धुओं को समान भाव से सम्मानित करना या पुरस्कृत करना । इस प्रकार भारतीय जैन संघ प्रवचन की प्रभावना करके अमूल्य प्रागम-निधि की सुरक्षा करने में समर्थ हो सकेगा। जैनागम-निर्देशिका में पैतालीस आगमों का विषय निर्देशन उपलब्ध पैंतालीस आगमों का जैनागम-निर्देशिका में उपयोग किया है, बत्तीस आगमों के अतिरिक्त तेरह आगमों में स्थानकवासी परम्परा से मौलिक मतभेद रखनेवाला कोई संदर्भ नहीं है । यह निर्णय जैनागमनिर्देशिका के आद्योपान्त अध्ययन से पाठक स्वयं कर सकेंगे। जैनागमों की रचना.शैली जैनागमों की रचनाशैली चार प्रकार की है१ संवादात्मक शैली एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से प्रश्न करता है और वह उसका उत्तर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001931
Book TitleJainagama Nirdeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1966
Total Pages998
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_index
File Size9 MB
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